ममता का केंद्र पर बड़ा हमला, भाजपा को राजनीतिक महामारी बताया

ममता ने कहा- केंद्र सरकार जेईई-नीट की परीक्षाएं कराने पर अड़ी हुई है। केंद्र के रवैये से स्टूडेंट्स के कोरोना से संक्रमित होने का खतरा पैदा हो गया है।

Update: 2020-08-29 04:15 GMT
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अंशुमान तिवारी

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा पर बड़ा हमला बोला है। छात्रों की डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए ममता ने भाजपा को राजनीतिक महामारी बताया और राज्य में 2021 में होने वाले चुनाव में उसे हराने का आह्वान किया। उन्होंने जेईई और नीट परीक्षाओं के मुद्दे पर केंद्र के रवैए को अड़ियल बताया। दूसरी और भाजपा ने ममता पर पलटवार करते हुए छात्रों के भविष्य के साथ राजनीति न करने की सलाह दी। भाजपा ने कहा कि ममता बनर्जी युवाओं को भरमाने में लगी हुई हैं।

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संघर्ष के लिए आगे आएं युवा

तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद की एक डिजिटल रैली को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा हर किसी को धमकाने में जुटी हुई है, लेकिन हमें यह समझना होगा कि हम पलटवार करने में पूरी तरह सक्षम हैं। युवाओं और छात्रों को भाजपा की राजनीतिक महामारी के खिलाफ संघर्ष करना होगा। भाजपा विपक्षी दलों को काले कानूनों का इस्तेमाल कर निशाना बनाने में जुटी हुई है।

जेईई-नीट पर केंद्र का अड़ियल रवैया

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार जेईई और नीट की परीक्षाएं कराने पर अड़ी हुई है। उन्होंने कहा कि केंद्र के इस अड़ियल रवैये के कारण स्टूडेंट्स के कोरोना से संक्रमित होने का खतरा पैदा हो गया है।

CM Mamata Banerjee (File Photo)

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उन्होंने कहा की परीक्षाएं देने के लिए परीक्षा केंद्रों पर जाने वाले स्टूडेंट्स कोरोना का शिकार हो सकते हैं मगर केंद्र सरकार को यह बात समझ में नहीं आ रही है। स्टूडेंट्स की मांग के बावजूद केंद्र सरकार परीक्षाओं को टालने के लिए तैयार नहीं हो रही है। इसीलिए हमने यह लड़ाई लड़ने का फैसला किया है।

छात्रों के मन की बात सुने केंद्र

उन्होंने जेईई और नीट परीक्षा को लेकर केंद्र सरकार के रवैए की आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार छात्रों के मन की बात सुनने के बजाय उपदेश देने में लगी हुई है। केंद्र सरकार को इस मामले में अपना अड़ियल रवैया छोड़ते हुए स्टूडेंट्स और अभिभावकों की मांग पर गौर करना चाहिए और छात्रों को कोरोना संकट से बचाना चाहिए।

किसी भी परीक्षा के खिलाफ नहीं

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार अक्टूबर में दुर्गा पूजा से पहले कालेजों और विश्वविद्यालयों के अंतिम वर्ष के छात्रों की परीक्षा के फायदे और नुकसान पर चर्चा कर रही है। उन्होंने कहा कि मैंने राज्य के शिक्षा मंत्री से कहा है कि वह दुर्गापूजा से पहले विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की अंतिम वर्ष की परीक्षा के आयोजन की संभावना पर गौर करें।

उन्होंने कहा कि हम ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के विकल्पों पर विचार करेंगे। ममता ने कहा कि हम किसी भी परीक्षा के खिलाफ नहीं है मगर महामारी के दौरान छात्रों की जान को जोखिम में नहीं डाला जाना चाहिए।

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सुप्रीम कोर्ट का आदेश

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि राज्य और विश्वविद्यालय 30 सितंबर तक अंतिम वर्ष की परीक्षा के बगैर छात्रों को प्रोन्नत नहीं कर सकते। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा है कि यदि किसी राज्य को लगता है कि वह 30 सितंबर तक परीक्षा का आयोजन करने में सक्षम नहीं है तो उसे इस बाबत नई तारीखों के लिए यूजीसी से संपर्क करना चाहिए।

Suprime Court (File Photo)

भाजपा का पलटवार

उधर, भाजपा ने ममता बनर्जी पर पलटवार करते हुए कहा है कि वे छात्रों के भविष्य को दांव पर लगाने में जुटी हुई है। भाजपा ने ममता को छात्रों के भविष्य के साथ राजनीति न करने और ओछी राजनीति से बाज आने की सलाह दी है।

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