थर-थर कांपेंगे देश: आ गया गेमचेंजर 'राफेल', जो पलक झपकते बजाएगा बैंड
भारतीय वायुसेना का गेमचेंजर 'राफेल' अब दुश्मन देश के छक्के छुड़ाने में भारत का साथ देगा। इस फाइटर जेट की तैनाती अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर की गई है।
नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ाने के लिए राफेल लड़ाकू विमानों ने भारत में एंट्री ले ली है। अब इसके साथ ही फेल होने वाले हैं दुश्मनों के हर तरह के नापाक मंसूबे। भारतीय वायुसेना का गेमचेंजर 'राफेल' अब दुश्मन देश के छक्के छुड़ाने में भारत का साथ देगा। इस फाइटर जेट की तैनाती अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पर की गई है।
खत्म हुआ वायु सेना और देश का इंतजार
आज भारतीय वायु सेना और देश का इंतजार खत्म हो गया है। फ्रांस से 7364 किलोमीटर का सफर तय कर आज पांचों राफेल लड़ाकू विमान ने भारत की सरजमी को चूमा। इन लड़ाकू विमानों के आने से भारतीय वायुसेना इतने ताकतवर हो जाएगी कि दुश्मन सेनाएं कांप उठेंगी। इस लड़ाकू विमान को पहले अफगानिस्तान, लीबिया, माली और इराक में इस्तेमाल किया जा चुका है और अब भारत भी इसे इस्तेमाल करेगा।
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पांचों राफेल आरबी-001 से 005 सीरीज के होंगे
पांचों राफेल आरबी-001 से 005 सीरीज के होंगे। राफेल 17 स्कवाड्रन का हिस्सा होंगे। इसे गोल्डन एरोस का नाम दिया गया है। सात प्रशिक्षित पायलट इन विमानों को उड़ा कर भारत लाए हैं। इन्हें एक साल से फ्रांस में राफेल के संचालन की ट्रेनिंग दी जा रही थी। अब ये पायलट भारत में अन्य पायलटों को विमान के संचालन की ट्रेनिंग देंगे।
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सुखोई और राफेल की जुगलबंदी से कांप उठेंगे दुश्मन
बता दें कि भारतीय वायुसेना के पास अभी तक सबसे खतरनाक लड़ाकू विमानों में से एक सुखोई-30 एमकेआई मौजूद है। पुलवामा अटैक के बाद पाकिस्तान पर की गई एयर स्ट्राइक में सुखोई ने अहम भूमिका निभाई थी। अब राफेल भी वायुसेना के बेड़े में शामिल हो रहा है, जिससे दुश्मन की बैंड बजना तो तय है।
एलएसी और एलओसी पर बढ़ेगी भारत की ताकत
राफेल की तैनाती के बाद एलएसी और एलओसी पर भारत की ताकत काफी बढ़ जाएगी। राफेल एलएसी के साथ ही एलओसी की भी पूरी निगरानी करेगा। दुश्मन सेनाओं से चल रही तनातनी के बीच आने के सात दिनों के भीतर ही राफेल को एलएसी पर तैनात किया जाना है।
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क्या हैं लड़ाकू विमान राफेल की खूबियां?
ये विमान 55000 फीट की ऊंचाई से भी दुश्मनों को तबाह करने की क्षमता से लैस है। भारत के साथ हमेशा विवाद खड़ा करने वाले चीन और पाकिस्तान की सेनाओं के पास इस लड़ाकू विमान का कोई जवाब नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि राफेल लड़ाकू विमान में इतनी ताकत है कि वह बिना सरहद पार किए दुश्मनों के ठिकानों को नष्ट करने की क्षमता रखता है।
यह लड़ाकू विमान एयर स्पेस बॉर्डर क्रॉस किए बिना पाकिस्तान और चीन के भीतर 600 किलोमीटर तक के टारगेट को पूरी तरह से नेस्तनाबूद करने की क्षमता से लैस है।
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अंबाला से 45 मिनट के भीतर ही बॉर्डर पर राफेल की तैनाती की जा सकती है और फिर टारगेट तय करके पाकिस्तान और चीन में भारी तबाही मचाई जा सकती है।
वैसे एयर टू एयर और एयर टू सरफेस मारक क्षमता में राफेल पूरी तरह सक्षम है और इसकी रेंज 3700 किलोमीटर तक बताई जा रही है।
हवा में ही किया जा सकता है रिफ्यूल
इस विमान की एक और बड़ी खूबी है कि इसे हवा में ही रिफ्यूल किया जा सकता है। ऐसे में इसकी रेंज को निर्धारित रेंज से बढ़ाया भी जा सकता है।
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सूत्रों के मुताबिक जरूरत पड़ने पर यह लड़ाकू विमान दुश्मन के इलाके में घुसकर 600 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक एयर स्ट्राइक करने में पूरी तरह सक्षम है।
यह विमान दुश्मन सेना के विमान के रडार को हवा में ही जाम करने की क्षमता से लैस है। इस क्षमता के होने के कारण राफेल दुश्मनों के विमान की पकड़ में नहीं आता और उन्हें आसानी से नष्ट करने में सक्षम है।
इसके कॉकपिट के सिस्टम को डिजाइन करने में काफी ध्यान दिया गया है ताकि युद्ध के दौरान पायलट का पूरा ध्यान दुश्मन के टारगेट को हिट करने में पूरी तरह एकाग्र रहे।
ये लड़ाकू विमान परमाणु हथियार ढोने समेत तमाम तरह के मिशन को अंजाम देने की क्षमता रखता है। 1 मिनट में विमान के दोनों तरफ से 30 MM की तोप से 2500 राउंड गोले दाग सकता है।
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मारक क्षमता 3700 KM
राफेल लड़ाकू विमान की मारक क्षमता 3700 KM. है जबकि यह 2,130 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है। 9.3 टन वजन के साथ 1650 KM. तक उड़ान भरने में सक्षम है।
300 किमी. की रेंज से हवा से जमीन पर हमला करने में सक्षम, हथियारों के स्टोरेज के लिए 6 महीने की गारंटी। हवा से जमीन पर मार वाली स्कैल्प मिसाइल।
14 हार्ड प्वाइंट के जरिए भारी हथियार भी गिराने की क्षमता है। अत्याधुनिक हथियारों से लैस होगा राफेल, प्लेन के साथ मेटेअर मिसाइल भी है।
भारतीय वायुसेना के हिसाब से फेरबदल
बता दें कि राफेल में भारतीय वायुसेना के हिसाब से फेरबदल भी किए गए हैं। भारत और फ्रांस के बीच यह सौदा उस वक्त हुआ था, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फ्रांस दौरे पर गए थे। तभी 36 राफेल लड़ाकू विमानों का सौदा हुआ था।
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