ममता का ज्योतिष कनेक्शन, सियासी जीवन में इसलिए शुक्रवार है अहम

पिछले दो विधानसभा चुनावों की तरह इस बार भी ममता ने शुक्रवार को ही अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की सूची जारी की। शुक्रवार को सूची जारी करना ममता के लिए काफी अहम रहा है और पिछले दो चुनावों में भी ममता ने शुक्रवार को ही सूची जारी करके बंगाल में अपनी सियासी ताकत दिखाई थी।

Update:2021-03-05 16:36 IST
ममता का ज्योतिष कनेक्शन, सियासी जीवन में इसलिए शुक्रवार है अहम

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की घोषणा में दूसरे सभी सियासी दलों को पीछे छोड़ दिया है। पिछले दो विधानसभा चुनावों की तरह इस बार भी ममता ने शुक्रवार को ही अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की सूची जारी की।

शुक्रवार ममता के लिए काफी अहम

शुक्रवार को सूची जारी करना ममता के लिए काफी अहम रहा है और पिछले दो चुनावों में भी ममता ने शुक्रवार को ही सूची जारी करके बंगाल में अपनी सियासी ताकत दिखाई थी। प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित देवेंद्र भट्ट (गुरुजी) का मानना है कि शुक्र का राजयोग ममता को ताकतवर बनाता है और यही कारण है कि वे शुक्रवार को ही अपने उम्मीदवारों का एलान करती हैं।

 

ममता ने 100 नए चेहरों को मैदान में उतारा

ममता ने 291 सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित किए हैं जिनमें 100 नए चेहरों को चुनाव लड़ने का मौका दिया गया है। ममता बनर्जी खुद नंदीग्राम सीट से किस्मत आजमाएंगी और इस सीट पर हाई वोल्टेज सियासी जंग में होने की उम्मीद जताई जा रही है। ममता ने 50 महिलाओं को चुनाव मैदान में उतारा है। उन्होंने 42 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट देकर इस वर्ग का समर्थन पाने की कोशिश की है।

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इस बार भी शुक्रवार को ही जारी की सूची

चुनाव आयोग की ओर से पश्चिम बंगाल में चुनाव कार्यक्रम की घोषणा से पहले से ही ममता बनर्जी अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देने में जुटी हुई थीं। यही कारण है कि उम्मीदवारों के नाम के एलान में उन्होंने दूसरे दलों से बाजी मार ली।

ममता की जिंदगी में शुक्रवार का गहरा कनेक्शन है और यह पहले से ही तय माना जा रहा था कि वे शुक्रवार को ही अपने पत्ते खोलेंगी। उम्मीद के मुताबिक ममता ने शुक्रवार को ही टीएमसी के 291 उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया।

2011 व 2016 में भी शुक्रवार को ही सूची

ममता बनर्जी ने 2011 के विधानसभा चुनाव लेफ्ट के 34 साल के शासन का अंत करते हुए सत्ता पर कब्जा किया था। 2011 में ममता बनर्जी ने 18 मार्च को अपने प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की थी और उस दिन भी शुक्रवार ही था।

2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए चुनाव मैदान में उतरी थीं। 2016 में उन्होंने 4 मार्च को अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की थी और उस दिन भी शुक्रवार ही था।

इन दोनों विधानसभा चुनावों में शुक्रवार को प्रत्याशियों के नाम की घोषणा करने के बाद ममता बनर्जी अपनी सियासी ताकत दिखाने में कामयाब हुई थी।

यही कारण है कि इस बार भी शुक्रवार को ही टीएमसी के उम्मीदवारों की सूची आने की उम्मीद जताई जा रही थी और आखिरकार यह उम्मीद है सच साबित हुई।

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सीएम व रेल मंत्री का पद भी इसी दिन संभाला

2011 के विधानसभा चुनाव में जीत के बाद ममता बनर्जी ने 30 मई को मुख्यमंत्री पद संभाला था और उस दिन भी शुक्रवार ही था। इससे पहले ममता बनर्जी ने यूपीए सरकार में 2009 में 22 मई को केंद्रीय रेल मंत्री का कार्यभार संभाला था और उस दिन भी शुक्रवार ही था।

जानकारों का कहना है कि यह महज संयोग नहीं हो सकता कि ममता अपना हर महत्वपूर्ण सियासी काम शुक्रवार को ही करती हैं। इसके पीछे कोई न कोई महत्वपूर्ण कारण जरूर है। मुस्लिम वोट बैंक ममता की बड़ी सियासी ताकत रहा है और ऐसे में कुछ लोग इसे जुमे के दिन से भी जोड़कर देखते हैं।

शुक्र का राजयोग ममता को बनाता है ताकतवर

प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित देवेंद्र भट्ट (गुरु जी) का कहना है कि मेष राशि और वृष राशि की कुंडली वाले जातक का लग्र और चंद्र दोनों ही पक्ष बेहद मजबूत स्थिति में होता है। ममता बनर्जी की कुंडली इसी तरह की है। उनकी राशि चक्र के अनुसार लग्रेश और कर्मेश दोनों शनि हैं।

साथ ही लग्र चक्र के अनुसार उनके लग्र घर और आठवें स्थान दोनों का मालिक मंगल है। उनकी कुंडली में आठवें स्थान पर बैठा हुआ शुक्र स्पष्ट राजयोग बनाता है।

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सत्ता के संघर्ष में नहीं हारेंगी ममता

पंडित जी के मुताबिक ऐसी स्थिति में अगर शनि की महादशा चल रही हो तो उस जातक को पराजय का कभी मुंह नहीं देखना पडता है। ममता बनर्जी की वर्ष 2007 से 19 वर्ष की शनि की महादशा चल रही है जो 2026 तक है। राजनीतिक उपलब्धियों के दृष्टिकोण से 2009 से पहले उनकी स्थिति बहुत संघर्ष वाली रही है, लेकिन उनकी कुंडली में बैठे ग्रह बता रहे हैं कि 2026 तक उन्हें सत्ता संघर्ष में पराजय का मुंह नहीं देखना है।

बना रहेगा ममता का सीएम पद

पंडित देवेंद्र भट्ट का मानना है कि आगामी विधानसभा चुनाव में उनके विरोधी पिछले चुनाव के मुकाबले दोगुनी या तीन गुनी अधिक सफलता भी हासिल कर लें, तब भी ममता का मुख्यमंत्री पद बना रहेगा। इसकी वजह शुक्र के साथ उनका रिश्ता है। आठवें शुक्र को राजयोगकारी माना जाता है। वही लग्र और आठवें घर का भी मालिक भी शुक्र है। यही वजह है कि उनके जीवन में शुक्र सबसे ज्यादा अहमियत रखता है।

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