चीन को लगेगा तगड़ा झटका: अब भारत में अपनी इंडस्ट्री शिफ्ट करेगा अमेरिका
चीन के प्रति अमेरिका का रवैया अब और सख्त होता जा रहा है। अब अमेरिका ने चीन में मौजूद उद्योगों (Industries) को भारत में शिफ्ट किए जाने की बात कही है। ताकि दुनिया में चीन के अलावा भी दूसरा विकल्प तैयार हो सके।
नई दिल्ली: चीन के प्रति अमेरिका का रवैया अब और सख्त होता जा रहा है। अब अमेरिका ने चीन में मौजूद उद्योगों (Industries) को भारत में शिफ्ट किए जाने की बात कही है। ताकि दुनिया में चीन के अलावा भी दूसरा विकल्प तैयार हो सके। एक मीडिया संस्थान से बातचीत करते हुए ये बातें अमेरिकी कांग्रेसमैन और विदेश मंत्रालय की उपसमिति के सदस्य टेड योहो ने कही है।
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चीन से भारत उद्योग शिफ्ट करने की तैयारी में अमेरिका
अमेरिकी कांग्रेसमैन टेड योहो ने कहा कि अमेरिका की पहली नीति यही रही है कि अपने जैसे सामाना मानसिकता (Mindset) वाले देशों को साथ रखो। उन्होंने बताया कि अमेरिका एक प्लान तैयार कर रहा है कि किसी तरह से चीन से अपने उद्योगों को निकालकर भरता में शिफ्ट किया जाए। साथ ही जो उद्योग अमेरिका वापसी करना चाहते हैं वो वापस आ जाएं।
जब दुनिया को पीपीई की जरूरत पड़ी तो चीन हटा पीछे
टेड योहो ने कहा कि ताजा उदाहरण लिया जाए तो जब पूरी दुनिया को सबसे ज्यादा पीपीई किट्स की आवश्यकता थी तो चीन पीछे हट गया था। इससे दुनिया भर में पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्यूपमेंट) किट की सप्लाई रूक गई। जिसके बाद हमें आपके राजदूतों से बातकर उन्हें बताया कि क्यों ना चीन से उद्योगों को हटाकर भारत शिफ्ट कर दिया जाए।
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चीन से उद्योग भारत आते हैं तो मिलेगा बड़ा निवेश
अमेरिकी कांग्रेसमैन ने कहा कि हम भारत जैसे अन्य सहयोगी देशों में भी अपनी इंडस्ट्री स्थापित करना चाहते हैं। इससे चीन की प्रधानता (Supremacy) खत्म हो जाएगी और हमें अन्य भी विकल्प मिलेंगे। भारत में PM नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया कार्यक्रम चलाया हुआ है। ऐसी हालत में अगर चीन से उद्योग भारत आते हैं तो उसे बड़ा निवेश मिलेगा।
चीन के ऊपर बनेगा आर्थिक दबाव
उन्होंने कहा कि अमेरिका के इस फैसले से चीन के ऊपर आर्थिक दबाव बनेगा। इसके अलावा बीजिंग सप्लाई चेन से भी अलग हो जाएगा। तब हम अपने उद्योगों को खास तौर से लाइवस्टॉक और एपीआई को भारत और अन्य सहयोगी देशों में शिफ्ट करेंगे। इस कदम से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और कम्युनिस्ट पार्टी के ऊपर आर्थिक दबाव बनेगा।
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अब हमारा नॉर्मल स्टैंडर्ड नहीं बना सकता तीन
टेड ने यह भी कहा कि पूरी दुनिया को चीन से अपने संबंध खत्म कर लेने चाहिए। क्योंकि चीन अपने नागरिकों के हित में जो बातें करता है वह ना तो देश के अंदर लागू करता है और ना ही अन्य देशों के साथ। उन्होंने कहा कि चीन अब हमारा नॉर्मल स्टैंडर्ड नहीं बना सकता। टेड ने कहा कि चीन को हमारे या भारत की तरह बनने के लिए नहीं कहा जा रहा लेकिन कम से कम वो सम्मान, मानवाधिकार और इंसानियत की आदत तो अपने में डाले।
विकसित देशों की सूची किया जाए शामिल
अमेरिकी कांग्रेसमैन ने कहा कि अमेरिका ये नहीं चाहता कि केवल चीन को ही दुनिया की फैक्ट्री कहा जाए। उसे भी विकसित देशों की सूची में शामिल किया जाए। उसे विकसशील देशों वाली सुविधाएं न मिलें और ना ही उसे विश्व व्यापार संगठन (WTO) से किसी तरह की सहायता मिले।
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टेड ने चीन पर खड़े किए सवाल
टेड ने सवाल किया कि चीन क्यों पांच-पांच युद्धपोत बना रहा है? उसने अपने रक्षा बजट को 6.9 फीसदी क्यों बढ़ाया? उन्होंने कहा कि चीन विश्व व्यापार संगठन (WTO) के विकासशील देशों के टैग के पीछे छिपकर दुनिया को बेवकूफ बनाने का काम कर रहा है। लेकिन अब हमारे पास ऐसा कानून है कि हम चीन को वहां से हटा सकते हैं।
दुनिया को चीन का समर्थन करना बंद करना चाहिए
उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल सही है कि चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी इकोनॉमी है। लेकिन अब भी चीन WTO के विकासशील देशों के टैग के पीछे छिपकर फायदा उठा रहा है। अब दुनिया को चीन का समर्थन करना बंद कर देना चाहिए।
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