भारत ने किया ऐसा काम विश्व बैंक ने की तारीफ, कहा दुनिया को दिखाई नई राह

‘आरोग्य सेतु एप’ को कई विशेषज्ञों और एजेंसियों ने वायरस की रोकथाम के लिए उपयोगी बताया है। इसके अलावा वर्ल्ड बैंक ने कहा कि इस एप ने एक नया रास्ता दिखाया है।

Update: 2020-04-13 06:02 GMT
भारत ने किया ऐसा काम विश्व बैंक ने की तारीफ, कहा दुनिया को दिखाई नई राह

नई दिल्ली: भारत में कोरोना वायरस की इस लड़ाई को आसान बनाने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा हाल ही में ‘आरोग्य सेतु एप’ लांच किया गया है। यह एप कोरोना से आपको जोखिम का स्तर बताता है। यह ‘सेल्फ असेसमेंट टेस्ट’ में दिए गए लक्षणों, बीमारियों जैसी जानकारियों और आपकी लोकेशन के आधार पर बताता है कि आपको कोरोना का कितना जोखिम है। यह भी बताता है कि क्या आपको टेस्ट की, डॉक्टर को दिखाने की या फोन पर परामर्श की जरूरत है। इसी वजह से सरकार लोगों से इस एप को डाउनलोड कराने पर जोर दे रही है।

एप ने टेक कंपनियों को पछाड़ा

भारत के इस एप ने दूसरे दिग्गज टेक कंपनियों को पछाड़ दिया है। अब इस एप को कई विशेषज्ञों और बहुत सी एजेंसियों ने वायरस की रोकथाम के लिए उपयोगी बताया है। इसके अलावा वर्ल्ड बैंक ने भी इस एप की तारीफ की है। विश्व बैंक ने कहा है कि इस एप ने एक नया रास्ता दिखाया है।

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आरोग्य सेतु के लॉन्च के कुछ दिन बाद ही वैश्विक तकनीक की बड़ी कंपनियों जैसे एप्पल और गूगल ने शनिवार को कहा कि वे स्मार्टफोन में एक ऐसे सॉफ्टवेयर का निर्माण कर रहे हैं जो कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग में मदद करेगा और यूजर्स को बताएगा कि वे कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आए हैं या नहीं।

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने ट्वीट किया कि...

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि भारत COVID-19 के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग का मार्ग प्रशस्त कर रहा है। जिसे यूजर्स की जानकारी गोपनीय रखे जाने के लिए डिजाइन किया गया है। खुशी है कि Aarogya Setu की तर्ज पर कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग विकसित करने के लिए Apple और Google मिलकर इस तरह की एप विकसित कर रहे हैं। इस ट्वीट में उन्होंने एप्पल के सीईओ टिम कुक और गूगल के सीईओ सुंदर पिचई को भी टैग किया है।



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वर्ल्ड बैंक ने आरोग्य सेतु एप का दिया उदाहरण

वहीं वर्ल्ड बैंक ने आरोग्य सेतु एप का एग्जाम्पल देते हुए एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि बड़े स्तर पर लोगों को शिक्षित करने और संक्रमण को ट्रैक करने में मदद कर सकते हैं। वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के रोकथाम के लिए डिजिटल तकनीकों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इस तरह की पहल महामारी से निपटने में मदद करने में सफल रही है।

रिपोर्ट में ये भी लिखा गया है कि भारत ने हाल ही में आरोग्य सेतु एप लॉन्च किया है जो यूजर्स के स्मार्टफोन की लोकेशन का इस्तेमाल करके उनको यह बताती है कि क्या वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए लोगों के संपर्क में आए हैं।

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प कैसे काम करता है?

यह आपकी लोकेशन और ब्लूटूथ का इस्तेमाल कर यह जांचता रहता है कि आपके आसपास कोई संक्रमित व्यक्ति या संभावित संक्रमित तो नहीं है। साथ ही संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने की आशंका के बारे में अलर्ट/नोटिफिकेशन भी देता है। इसके लिए आपको मोबाइल में बैकग्राउंड में एप हमेशा चालू रखना होगा, साथ ही ब्लूटूथ और लोकेशन भी ऑन रखनी होगी।

क्या जान सकते हैं?

आप जो जानकारियां देंगे, उस आधार पर एप बताएगा कि क्या आपको कोरोना का जोखिम है। अगर है, तो क्या परीक्षण की जरूरत है या क्वारनाटाइन से काम चल जाएगा। अगर परीक्षण की जरूरत है, तो आप कहां परीक्षण करा सकते हैं, इसकी जानकारी भी मिलेगी। इस टेस्ट के आधार पर ही यूजर के लिए जोखिम का अंदाजा लगाया जाता है और बाकी यूजर्स को भी अलर्ट किया जाता है।

डेटा की सुरक्षा

एप की प्राइवेसी पॉलिसी में दावा है कि डेटा केवल भारत सरकार के साथ साझा होगा। आपके नाम या नंबर को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। निजी जानकारी को अलर्ट करने या अन्य जरूरी जानकारी देने के लिए ही इस्तेमाल किया जाएगा।

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