ममता की चोट बनी TMC का हथियार, सहानुभूति कार्ड का जवाब देने में जुटी BJP
अस्पताल से निकलने के बाद ममता व्हीलचेयर पर बैठकर चुनाव प्रचार करेंगी। ऐसे में टीएमसी को सहानुभूति कार्ड खेलने का मौका मिल गया है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नंदीग्राम में घायल होकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने आक्रामक रवैया अपना लिया है। पार्टी ममता बनर्जी की चोट के बहाने भाजपा को घेरने की कोशिश में जुट गई है। पार्टी ने आरोप लगाया है कि भाजपा के इशारे पर ममता की सुरक्षा हटाई गई है। हालांकि भाजपा और कांग्रेस की ओर से पूरे प्रकरण को ड्रामा बताया गया है मगर टीएमसी ममता की चोटों के जरिए समर्थकों को लामबंद करने की कोशिश में जुट गई है।
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अस्पताल से निकलने के बाद ममता व्हीलचेयर पर बैठकर चुनाव प्रचार करेंगी। ऐसे में टीएमसी को सहानुभूति कार्ड खेलने का मौका मिल गया है। माना जा रहा है कि महिला मतदाताओं पर इसका खासा असर हो सकता है। यही कारण है कि भाजपा लगातार इस मामले को ड्रामा बताते हुए इसकी गहराई से जांच कराने की मांग कर रही है।
टीएमसी का विरोध प्रदर्शन आज
तृणमूल कांग्रेस ममता बनर्जी के साथ हुई घटना को बड़ा सियासी मुद्दा बनाने की कोशिश में जुट गई है। इस घटना का विरोध करने के लिए तृणमूल कांग्रेस के नेता व कार्यकर्ता आज राज्य के विभिन्न इलाकों में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
ममता सरकार के मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा कि नंदीग्राम में हुई इस घटना के विरोध में शुक्रवार को दोपहर 3:00 बजे से 5:00 बजे तक टीएमसी कार्यकर्ता काले झंडे लेकर और काले कपड़े से मुंह बांधकर विरोध जता एंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि साजिश रचकर ममता की आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है।
व्हील चेयर पर प्रचार करेंगी ममता
अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद ममता बनर्जी व्हीलचेयर पर बैठकर चुनाव प्रचार करेंगी। ममता ने अस्पताल से जारी वीडियो संदेश में खुद इस बात की जानकारी दी है। इस वीडियो संदेश में ममता ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी देने के साथ ही उम्मीद जताई है कि अगले दो-तीन दिनों में वे चुनावी जंग में फिर उतरेंगी।
उन्होंने कहा कि मैं अपनी जनसभाओं को बर्बाद नहीं होने दूंगी और इसके लिए मुझे कुछ दिनों तक व्हीलचेयर पर भी रहना पड़ सकता है। उन्होंने लोगों ने लोगों से सहयोग देने की भी अपील की।
कोर वोटरों को सहेजने की कोशिश
सियासी जानकारों का मानना है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान टीएमसी में हुई बगावत और भाजपा की तगड़ी घेरेबंदी से परेशान ममता अपने कोर वोटरों को सहेजने की कोशिश में जुट गई हैं।
भाजपा ने नंदीग्राम के संग्राम में भी शुभेंदु अधिकारी के जरिए उन्हें बांधने की कोशिश की है और ममता बनर्जी भी अपने समर्थकों को एकजुट बनाए रखने के लिए परेशान हैं। यही कारण है कि ममता को लगी चोटों के बाद टीएमसी ने इसे बड़ा सियासी मुद्दा बनाने की कोशिशें शुरू कर दी है।
टीएमसी ने आयोग को भी घेरा
ममता के चोटिल होने के बाद टीएमसी का प्रतिनिधिमंडल तुरंत चुनाव आयोग पहुंच गया और भाजपा को घेरने की कोशिश की। टीएमसी नेताओं ने आरोप लगाया कि ममता पर हमले की आशंकाओं के बावजूद आयोग की ओर से उनकी सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।
टीएमसी का कहना है कि राज्य की कानून व्यवस्था में कोई गड़बड़ी नहीं है मगर आयोग भाजपा के इशारे पर ममता को खुद सुरक्षा नहीं मुहैया करा रहा है। टीएमसी ने हमले को ममता की जान लेने की गहरी साजिश भी बताया। टीएमसी के 12 सांसदों का दल इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को फिर चुनाव आयोग से मिलेगा।
आयोग ने आरोपों को बेबुनियाद बताया
दूसरी ओर चुनाव आयोग ने तृणमूल कांग्रेस के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा है कि आयोग ने बंगाल की कानून व्यवस्था अपने हाथ में नहीं ली है। आयोग किसी भी चुनावी राज्य में ऐसा कदम नहीं उठाता।
आयोग ने अपने स्पष्टीकरण में कहा कि ममता को लगी चोट दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी गहराई से जांच की जानी चाहिए मगर पार्टी विशेष के इशारे पर काम करने का आरोप पूरी तरह अमर्यादित है। आयोग ने पश्चिम बंगाल के डीजीपी को हटाने के संबंध में कहा कि यह कदम विशेष प्रेक्षकों की सिफारिश के बाद उठाया गया। ममता को लगी चोटों के संबंध में मुख्य सचिव से रिपोर्ट भी तलब की गई।
भाजपा सीबीआई जांच की मांग पर अड़ी
इस बीच भाजपा ने पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि इस मामले की सीबीआई जांच से सच्चाई से पर्दा पूरी तरह टूट जाएगा।
उन्होंने सवाल किया कि आखिर जेड प्लस सुरक्षा पाने वाले व्यक्ति पर इस तरह कैसे हमला किया जा सकता है। उन्होंने पूरे मामले को ड्रामा बता बताया। घोष से पहले भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने भी इस घटना को ड्रामा बताते हुए सहानुभूति बटोरने का प्रयास बताया।
टीएमसी ने बनाया बड़ा सियासी मुद्दा
सियासी जानकारों का कहना है कि पिछले दो-तीन दिनों से बंगाल का पूरा चुनावी माहौल ममता पर हुए कथित हमले के इर्द-गिर्द ही सिमट गया है। टीएमसी कार्यकर्ताओं ने इस घटना को लेकर गुरुवार को राज्य भर में विरोध प्रदर्शन किया। शुक्रवार को भी इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन की तैयारी है। इससे साफ है कि टीएमसी ने इससे बड़ा सियासी मुद्दा बना लिया है।
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दूसरी ओर भाजपा इसके जरिए टीएमसी को सियासी फायदा न उठाने देने की कोशिश में जुट गई है। देखने वाली बात यह होगी कि भाजपा टीएमसी के इस अभियान का जवाब देने में कहां तक कामयाब हो पाती है।
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