लाॅकडाउन में भी छात्रों के सपने को साकार कर रहे ये प्रसिद्ध गणितज्ञ

आईआईटी प्रवेश परीक्षा 2020 में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स के लिये आईआईटीयन बनने का सपना अब सच होगा। दरअसल कोरोना के कारण कोटा से लौटे बिहार...

Update: 2020-05-16 05:48 GMT

नई दिल्ली: आईआईटी प्रवेश परीक्षा 2020 में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स के लिये आईआईटीयन बनने का सपना अब सच होगा। दरअसल कोरोना के कारण कोटा से लौटे बिहार, झारखंड, उत्तरप्रदेश सहित देश के अन्य स्टूडेंट्स के लिये अवसर ट्रस्ट बेहतर विकल्प लेकर आया है। देश के जाने माने शिक्षाविद डॉ. के सी सिन्हा और बहुचर्चित वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड लंदन से सम्मानित मैथेमैटिक्स गुरु आरके श्रीवास्तव से पढ़कर आईआईटी में जाने का सपना अब सच होगा।

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18 जुलाई 2020 से आईआईटी की प्रवेश परीक्षा होने वाली है, जिसकी कोचिंग के लिये ट्रस्ट बेहतरीन अवसर लाया है। लॉकडाउन मे फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ्स के ऑनलाइन क्लासेज के लिए स्टूडेंट्स 9568012777, 7277636566, 7542824362 पर सम्पर्क कर जानकारी ले सकते हैं।

इनकी किताब से पढ़ाते हैं शिक्षक

यह बात जानकर आपको आश्चर्य होगा कि कैलकुलस और अलजेब्रा जैसी किताबें लिखने वाले केसी सिन्हा गणित में फेल हो गए थे। यह बात तब की है, जब वह बचपन में अपनी आगे की पढ़ाई करने के लिए जिला स्कूल आरा में प्रवेश परीक्षा देने गए थे।

28 वर्ष की उम्र में कैलकुलस में महारत

पहली बार में असफल होने के बाद वह दूसरी बार मेहनत कर प्रवेश परीक्षा पास हुए। वह कहते हैं कि फेल होने वाली बात मेरे जीवन के लिए सबसे बड़ी टर्निंग प्वॉइंट साबित हुई। गणित में फेल होने की बात दिल पर लग गई। आज 60 से अधिक किताबें लिख चुके केसी सिन्हा बताते हैं कि शुरुआत में क्लास में मेरी रैंक अच्छी नहीं आती थी लेकिन अथक मेहनत से मैंने अपनी रैंकिंग सुधारी। महज 28 वर्ष की उम्र में कैलकुलस से प्रसिद्धि पाने वाले केसी सिन्हा ने उन कठिनतम सवालों को अपने किताब का आधार बनाया, जिसमें वह फंसते थे।

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ग्रामीण और गरीब बच्चों पर फोकस

वह बताते हैं कि बच्चों के मनोविज्ञान को समझते हुए पढ़ाता हूं। मेरी किताबों की भी यही खासियत है, इसमें स्टूडेंट की क्वेरी के हिसाब से चैप्टर बने हैं। इसने उन्हें इतनी बड़ी कामयाबी दिलाई कि आज भी मैथ्स में सफलता पाने के लिए हर छात्र को यही सीख दी जाती है कि केसी सिन्हा की किताब पढ़ो। वह पटना साइंस कॉलेज के प्रिंसिपल भी रह चुके हैं। सिन्हा बताते हैं कि वह ग्रामीण छात्रों को पढ़ाने के लिए वीडियो लेक्चर भी देते हैं। गांव में चूंकि कोई सुविधा नहीं है इसलिए वहां के बच्चों से जुड़ऩा चाहते हैं और गरीब स्टूडेंट्स को भी पढ़ाना चाहते हैं।

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खेल-खेल में सिखाते हैं गणित का गुण

“कोशिश जारी रख, जरूर सफल तेरा काम होगा।

तू बस धैर्य बांधे रख, शीर्ष पर तेरा भी नाम होगा।”

ये लाइनें मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव पर सौ प्रतिशत सटीक बैठती है। आरके श्रीवास्तव यानी गणित पढ़ाने का दीवाना, पूरी रात लगातार 12 घण्टे स्टूडेंट्स को गणित का गुड़ सिखाते, वर्ल्ड रिकॉर्ड्स होल्डर मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव मशहूर हैं कि वे जादुई तरीके से खेल-खेल में गणित का गुर सिखाते है। चुटकले सुनाकर खेल-खेल में पढ़ाते हैं।

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गणित के मशहूर शिक्षक मैथमेटिक्स गुरु फेम आरके श्रीवास्तव जादुई तरीके से गणित पढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। उनकी पढ़ाई की खासियत है कि वह बहुत ही स्पष्ट और सरल तरीके से समझाते हैं। सामाजिक सरोकार से गणित को जोड़कर, चुटकुले बनाकर सवाल हल करना आरके श्रीवास्तव की पहचान है। गणित के लिये इनके द्वारा चलाया जा रहा नाइट क्लासेज अभियान पूरे देश मे चर्चा का विषय बना हुआ है।

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12 घंटे लगातार सॉल्व कराते हैं गणित के सवाल

पूरी रात लगातार 12 घण्टे स्टूडेंट्स को गणित का गुर सिखाना कोई चमत्कार से कम नहीं। सबसे बड़ी बात है कि वैसे स्टूडेंट्स, जिन्हें गणित के नाम से ही डर लगता है परंतु वे आरके श्रीवास्तव के क्लास में जब शिक्षा ग्रहण करते हैं तो वे गणित के हौवा को भूल जाते हैं। स्टूडेंट्स अगले दिन भी यह कहते हैं कि हमें आरके श्रीवास्तव के नाइट क्लासेज में पूरी रात लगातार 12 घण्टे गणित पढ़ना है। पूरे रात लगातार 12 घण्टे स्टूडेंट्स बिना किसी तनाव के एन्जॉय करते हुए गणित के प्रश्नों को हल करते हैं। आरके श्रीवास्तव का नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स, गोल्डेन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हो चुका है।

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अभिभावक भी हैं खुश

उनके इस क्लास को देखने और उनका शैक्षणिक कार्यशैली को समझने के लिए कई विद्वान इनका इंस्टीटूट देखने आते हैं। नाइट क्लासेज अभियान हेतु स्टूडेंट्स को सेल्फ स्टडी के प्रति जागरूक करने और गणित को आसान बनाने के लिए यह नाइट क्लासेज अभियान अभिभावकों को खूब भा रहा। स्टूडेंट्स के अभिभावक इस बात से काफी प्रसन्न दिखे कि मेरा बेटा बेटी जो ठीक से घर पर पढ़ने हेतु 3-4 घण्टे भी नहीं बैठ पाते, उसे आरके श्रीवास्तव ने पूरी रात लगातार 12 घण्टे कंसंट्रेशन के साथ गणित का गुर सिखाया। आपको बताते चलें कि अभी तक आरके श्रीवास्तव के द्वारा 200 क्लास से अधिक बार पूरे रात लगातार 12 घण्टे स्टूडेंट्स को गणित की शिक्षा दी जा चुकी है, जो अभी भी जारी है।

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पाइथागोरस प्रमेय के निकाले 50 से ज्यादा तरीके

वैसे आरके श्रीवास्तव का प्रतिदिन क्लास में तो स्टूडेंट्स गणित का गुर सीखते ही हैं, परंतु यह स्पेशल नाइट क्लासेज प्रत्येक शनिवार को लगातार 12 घण्टे बिना रुके चलता है। आरके श्रीवास्तव गणित बिरादरी सहित पूरे देश मे उस समय चर्चा में आये जब एक चैलेंज के दौरान इन्होंने क्लासरूम प्रोग्राम में बिना रुके पाइथागोरस थ्योरम को 50 से ज्यादा अलग-अलग तरीके से सिद्ध कर दिखाया। आरके श्रीवास्तव ने कुल 52 अलग-अलग तरीकों से पाइथागोरस थ्योरम को सिद्ध कर दिखाया। जिसके लिए इनका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन में दर्ज चुका है।

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'1' पर दे चुके हैं घंटों भाषण

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन के छपी किताब में यह जिक्र भी है कि बिहार के आरके श्रीवास्तव ने बिना रुके 52 विभिन्न तरीकों से पाइथागोरस थ्योरम को सिद्ध कर दिखाया। इसके लिए ब्रिटिश पार्लियामेंट के सांसद वीरेंद्र शर्मा ने आरके श्रीवास्तव को इनके उज्ज्वल भविष्य के लिए बधाई एवं शुभकामनायें भी दिया। इसके अलावा आरके श्रीवास्तव 'संख्या 1 क्या है?' पर शैक्षणिक सेमिनार में घण्टों भाषण देकर अपने प्रतिभा से बिहार को गौरवान्वित कराया।

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स्टूडेंट्स गणित को न मानें हौवा

आरके श्रीवास्तव गणित को हौवा या डर होने की बात को नकारते हैं। वह कहते हैं कि यह विषय सबसे रुचिकर है। इसमें रुचि जगाने की आवश्यकता है। अगर किसी फॉर्मूला से आप सवाल को हल कर रहे हैं तो उसके पीछे छुपे तथ्यों को जानिए। क्यों यह फॉर्मूला बना और किस तरह आप अपने तरीके से इसे हल कर सकते हैं? वह बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही गणित में बहुत अधिक रुचि थी, जो नौंवी और दसवीं तक आते-आते परवान चढ़ी।

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बीमारी की वजह से नहीं दे पाए थे आईआईटी

आरके श्रीवास्तव अपने पढ़ाई के दौरान टीबी की बीमारी की वजह से आईआईटी प्रवेश परीक्षा नहीं दे पाये थे। उनकी इसी टीस ने बना दिया सैकड़ों आर्थिक रूप से गरीब स्टूडेंट्स को इंजीनियर। आर्थिक रूप से गरीब परिवार में जन्मे आरके श्रीवास्तव का जीवन भी काफी संघर्ष भरा रहा। वह कहते हैं, 'अगर असफल हो भी गए, तो भी सपनों में जान रख।'

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वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन से सम्मानित, इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज, एशिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में नाम दर्ज, बेस्ट शिक्षक अवॉर्ड, इंडिया एक्सीलेन्स प्राइड अवॉर्ड, ह्यूमैनिटी अवॉर्ड, इंडियन आइडल अवॉर्ड, यूथ आइकॉन अवॉर्ड सहित दर्जनों अवॉर्ड आरके श्रीवास्तव को उनके शैक्षणिक कार्यशैली के लिए मिल चुके हैं। इसमें कोई शक नहीं कि आरके श्रीवास्तव देश का गौरव हैं।

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