बंगाल में चंडी पाठ, जयश्रीरामः जनता से जुड़े मुद्दे चुनाव से गायब

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में इस बार जनता से जुड़े मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। भाजपा की सभाओं में जहां जय श्रीराम के नारे गूंज रहे हैं वहीं ममता बनर्जी मंच से से चंडी पाठ करने में जुटी हुई हैं।

Update:2021-03-18 21:07 IST
बंगाल में चंडी पाठ, जय श्री रामः जनता से जुड़े मुद्दे चुनाव से गायब

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में इस बार जनता से जुड़े मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं हो रही है। भाजपा की सभाओं में जहां जय श्रीराम के नारे गूंज रहे हैं वहीं ममता बनर्जी मंच से से चंडी पाठ करने में जुटी हुई हैं। भाजपा नेताओं की जनसभाओं में भी ममता बनर्जी के दस साल के कामकाज पर ज्यादा चर्चा नहीं सुनाई दे रही है। मजे की बात है कि ममता भी अपनी सभाओं में अपने दस साल के कामकाज का कोई ब्योरा नहीं दे रही हैं।

भाजपा की चालों से ममता सतर्क

जानकारों का मानना है कि भाजपा की नजर जहां ध्रुवीकरण से ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करने पर टिकी हुई है वहीं ममता बनर्जी भी भाजपा की चालों से सतर्क हो गई हैं। यही कारण है कि अपनी पिछली जनसभाओं की तरह उन्होंने मंगलवार को भी बांकुरा की सभा में चंडीपाठ किया।

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भाजपा के ममता पर तीखे हमले

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में इस बार का नजारा बिल्कुल बदला हुआ है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 18 सीटें जीतने के बाद ताकतवर बनकर उभरी भारतीय जनता पार्टी इस बार ममता बनर्जी को सत्ता से बेदखल करने के लिए बेकरार है। यही कारण है कि पार्टी ने इस बार पूरी ताकत झोंक दी है। पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ ही विभिन्न राज्यों के नेताओं को भी चुनाव अभियान में लगा दिया गया है।

भाजपा नेताओं की ओर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर तीखे हमले किए जा रहे हैं। हालांकि ममता बनर्जी भी इन हमलों का जवाब देने में जुटी हुई है।

भाजपा की आक्रामक चुनावी रणनीति

बंगाल के चुनाव को नजदीक से देखने वालों का मानना है कि इस बार के चुनाव में जनता से जुड़े मुद्दों की गूंज नहीं सुनाई दे रही है। भाजपा भी आक्रामक चुनावी रणनीति के साथ हिंदू मतों की गोलबंदी में लगी हुई है। यही कारण है कि परिवर्तन यात्राओं के बाद भाजपा नेताओं के रोड शो और जनसभाओं में भी जय श्रीराम के नारे गूंज रहे हैं। पार्टी नेताओं की ओर से जनसभाओं में यह बात जोर-शोर से उठाई जा रही है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को जय श्रीराम के नारे से काफी चिढ़ है।

योगी ने भी उठाया जय श्रीराम का मुद्दा

भाजपा के फायरब्रांड नेता और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को पुरुलिया की जनसभा में ममता बनर्जी और राहुल गांधी के मंदिर जाने पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि ममता दीदी को जय श्रीराम के नारे से काफी चिढ़ है। 2014 से पहले दीदी मंदिर जाने से भी डरती थी मगर अब वे मंदिर जाने के साथ ही अपनी सभाओं में चंडीपाठ करने में भी जुट गई हैं।

योगी के मुद्दों में ध्रुवीकरण की कोशिश

उन्होंने अपनी सभा में बंगाल में गो तस्करी का मुद्दा भी जोरशोर से उठाया और कहा कि यूपी में ऐसा नहीं हो सकता। गो तस्करी पर रोक लगाने के लिए ममता बनर्जी की सरकार की ओर से कुछ भी नहीं किया गया। बंगाल के गरीब लोगों का राशन यहां पर अवैध रूप से घुसपैठ करने वाले लोग खा जाते हैं, लेकिन ममता बनर्जी ने इसे रोकने की कभी कोशिश नहीं की। भाजपा की सरकार बनने पर यह सबकुछ नहीं हो पाएगा। योगी ने अपने भाषण के दौरान जिन मुद्दों को छुआ, उन्हें भी ध्रुवीकरण की कोशिश ही माना जा रहा है।

ममता का चंडी पाठ और इमोशनल कार्ड

दूसरी ओर ममता बनर्जी भी अपनी जनसभाओं में अपने दस साल के कामकाज का कोई विवरण नहीं दे रही हैं बल्कि भाजपा पर हमला करने और भाजपा के हमलों का जवाब देने में ही जुटी हुई हैं। मंगलवार को भी ममता बनर्जी ने बांकुरा की जनसभा में व्हील चेयर पर बैठे हुए फिर मंच से दुर्गा पाठ किया। इससे पहले भी वे मतदाताओं का समर्थन पाने के लिए मंच से चंडीपाठ कर चुकी हैं।

मतदाताओं के बीच सहानुभूति बटोरने के लिए उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स ने अभी मुझे आराम करने के लिए कहा था, लेकिन हम रुके नहीं। अगर मैं आराम करने लगी तो भाजपा के लोग राज्य की जनता को इतना दर्द देंगे कि वह असहनीय हो जाएगा।

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भाजपा नेताओं पर साजिश का आरोप

उन्होंने भाजपा के मंत्रियों पर कोलकाता में बैठकर साजिश रचने का भी आरोप लगाया। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को घेरते हुए उन्होंने कहा कि वे मेरे खिलाफ साजिश रचने में जुटे हुए हैं। लेकिन उन्हें समझ लेना चाहिए कि पश्चिम बंगाल में उनकी कोई भी साजिश कामयाब नहीं होने वाली है।

दोनों पक्षों के बीच वोट बैंक की लड़ाई

सियासी जानकारों का मानना है कि पश्चिम बंगाल के चुनाव में इस बार इतना कड़ा मुकाबला हो रहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने वोट सहेजने की कोशिश में जुटी हुई है तो दूसरी ओर भाजपा हमलावर रुख अपनाकर उनके वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश में जुटी हुई है। भाजपा नेताओं को पता है कि ममता के मुस्लिम वोट बैंक मैं सेंध लगाना उनके लिए असंभव है मगर भाजपा हिंदू मतों की गोलबंदी करके ममता के दूसरे वोट बैंक उनसे छीनने की कोशिश में जुटी हुई है।

सरकार के कामकाज पर चर्चा नहीं

यही कारण है कि भाजपा की ओर से आक्रामक रणनीति पर काम किया जा रहा है और ममता सरकार के कामकाज पर ज्यादा चर्चा नहीं हो रही है। मजे की बात यह है कि ममता बनर्जी खुद भी राज्य में पिछले 10 वर्षों के दौरान किए गए कार्यों की ज्यादा चर्चा न करके भाजपा पर ही लगातार हमला कर रही हैं। दोनों पक्षों की आक्रामक रणनीति के बीच जनता से जुड़े मुद्दे कहीं गुम हो गए हैं। अब देखने वाली बात यह होगी कि दोनों पक्षों की ओर से एक-दूसरे पर किए जा रहे हमले में कामयाबी किसके हाथ लगती है।

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