ममता के आरोप और मुख्य सचिव की रिपोर्ट में अंतर, आयोग ने मांगी पूरी जानकारी

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुधवार को नंदीग्राम चुनाव क्षेत्र से नामांकन करने के बाद चोट लगी थी। चोट लगने के बाद ममता बनर्जी ने हमलावर रुख अपना लिया था। उन्होंने घटना को साजिश करार देते हुए कहा था कि चार-पांच लोगों ने उन्हें धक्का दिया है जिससे उनके पांव में चोट आई।

Update:2021-03-13 11:01 IST
शुभेंदु अधिकारी के मुताबिक एक मामले को लेकर ममता कोलकाता हाई कोर्ट भी गई थीं लेकिन कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।

अंशुमान तिवारी

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम में लगी चोट के संबंध में मुख्य सचिव की ओर से भेजी गई रिपोर्ट से चुनाव आयोग संतुष्ट नहीं है। ममता की चोट को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने हमलावर रुख अपना रखा है और इसे लेकर भाजपा के साथ ही चुनाव आयोग को भी घेरा है। मुख्य सचिव की ओर से भेजी गई रिपोर्ट और ममता की ओर से लगाए गए आरोपों में भी अंतर दिख रहा है।

चोट लगने के बाद ममता बनर्जी ने साफ तौर पर आरोप लगाया था कि मुझ पर चार-पांच लोगों ने हमला किया जबकि मुख्य सचिव की रिपोर्ट में इस तरह का कोई जिक्र नहीं है। कुल मिलाकर ममता की चोट पूरी तरह रहस्यमय बन गई है। भाजपा और कांग्रेस पहले से ही इसे ममता का ड्रामा बताते हुए सहानुभूति बटोरने की चाल बता रहे हैं।

ममता ने घटना को बताया था साजिश

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बुधवार को नंदीग्राम चुनाव क्षेत्र से नामांकन करने के बाद चोट लगी थी। चोट लगने के बाद ममता बनर्जी ने हमलावर रुख अपना लिया था। उन्होंने घटना को साजिश करार देते हुए कहा था कि चार-पांच लोगों ने उन्हें धक्का दिया है जिससे उनके पांव में चोट आई। ममता ने आरोप लगाया था कि वे एक मंदिर में पूजा के लिए गई थीं और कार के खुले गेट के पास खड़ी थीं। इसी दौरान कुछ लोग कार के आसपास आए और कार के दरवाजे को धक्का दिया जिससे उन्हें पैर में चोट लगी।

टीएमसी नेताओं का आयोग पर हमला

घटना के दूसरे दिन ही इस मामले को लेकर टीएमसी नेताओं का दल चुनाव आयोग पहुंच गया था। टीएमसी नेताओं का आरोप था कि निर्वाचन आयोग ने भाजपा के इशारे पर ममता की सुरक्षा हटाई। टीएमसी का यह भी कहना था कि ममता पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं और चुनाव के एलान के बाद उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी आयोग की है। लिहाजा इस हमले की जिम्मेदारी आयोग को लेनी होगी। टीएमसी का यह भी आरोप है कि ममता पर हमले की आशंकाओं के बावजूद आयोग की ओर से उनकी सुरक्षा के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। उल्टे उनकी सुरक्षा कम कर दी गई।

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अब आयोग ने भी अपनाया सख्त रुख

टीएमसी सांसदों के प्रतिनिधिमंडल ने भी शुक्रवार को चुनाव आयोग के सामने ममता की चोटों का मुद्दा उठाया था। अब आयोग ने भी इस मामले को लेकर सख्त रुख अपना लिया है और पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय की रिपोर्ट पर और जानकारियां तलब कर ली हैं। आयोग का कहना है कि मुख्य सचिव को इस बाबत विस्तृत और स्पष्ट रिपोर्ट भेजनी चाहिए। इस रिपोर्ट को भेजने के लिए मुख्य सचिव को शनिवार की शाम 5:00 बजे तक का समय दिया गया है।

मुख्य सचिव की रिपोर्ट में स्पष्ट विवरण नहीं

मुख्य सचिव की ओर से आयोग को भेजी गई रिपोर्ट में घटना के कारणों का स्पष्ट ब्योरा नहीं बताया गया है। आयोग का कहना है कि मुख्य सचिव की रिपोर्ट इतनी अस्पष्ट है कि उससे यह भी नहीं पता चल पा रहा है कि यह घटना कहां और किस तरह हुई और इस घटना के कारण क्या हैं। मुख्य सचिव ने अपनी रिपोर्ट में घटनास्थल पर काफी भीड़ होने, सड़क के स॔करी होने, सड़क किनारे लोहे का खंबा होने और ममता के बाहर निकले पैर में चोट लगने जैसी बातों का जिक्र किया है मगर इस रिपोर्ट से आयोग संतुष्ट नहीं है।

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ममता के बयान और रिपोर्ट में अंतर

चोट लगने के बाद ममता बनर्जी ने इसे साजिश और हमला बताया था जबकि रिपोर्ट में इस बात का कोई जिक्र नहीं किया गया है। मुख्य सचिव की रिपोर्ट में प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी अलग-अलग बताए गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अलग-अलग दलों से जुड़े होने के कारण उनके बयान भी पार्टी लाइन पर ही हैं। रिपोर्ट में सीसीटीवी फुटेज के भी अस्पष्ट होने का हवाला दिया गया है। मुख्य सचिव ने यह भी कहा है कि इस घटना के संबंध में किसी निष्कर्ष पर पहुंचना संभव नहीं है।

बड़ा सियासी मुद्दा बनी ममता की चोट

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में अब ममता की चोट बड़ा सियासी मुद्दा बन चुकी है। टीएमसी नेताओं की ओर से इस बाबत चुनाव आयोग से शिकायत किए जाने के बाद भाजपा नेता भी आयोग से दूध का दूध और पानी का पानी करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस घटना की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए। भाजपा नेताओं का कहना है कि सच्चाई यह है कि ममता बनर्जी नाटक करके लोगों की सहानुभूति बटोरने की कोशिश में जुटी हुई है। पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी इसे ममता बनर्जी का ड्रामा करार दिया है। उनका कहना है कि नंदीग्राम में अपनी कमजोर स्थिति को देखते हुए ममता बनर्जी ने खुद पर हमला होने और चोट लगने का नाटक किया है।

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स्पष्ट रिपोर्ट के बाद आयोग लेगा फैसला

ममता की चोटों को लेकर गरमाए सियासी माहौल के बीच अब आयोग भी पूरे मामले की जांच करने और इसका खुलासा करने में जुट गया है। आयोग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आयोग इस मामले को लेकर काफी गंभीर है। मुख्य सचिव को शनिवार की शाम 5:00 बजे तक का समय है दिया गया है और इसके बाद आयोग इस बाबत फैसला लेगा।

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