पाकिस्‍तान का बदनाम बाजार! यहां होता है बहुत बड़ा वारा-न्यारा

इसके साथ ही उन्होंने UN में कहा कि पाकिस्तान के इस कस्बे में आप किसी भी तरह के हथियार को चलाकर देख सकते हैं। यहां पर पाकिस्‍तान सेना की गार्जियन यूनिट का हैडक्‍वार्टर भी है और पाकिस्‍तान सेना इस पूरे इलाके पर अपनी निगाह रखती है।

Update:2023-06-17 18:36 IST

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कराची: संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में भारत ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लेते हुए जोरदार लताड़ लगाई है।

भारत की ओर से विदेश मंत्रालय की सचिव विदिशा मैत्रा ने UN में इमरान खान के एक-एक झूठ की कलई खोल कर रख दी।

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उन्होंने इस दौरान पाकिस्तान के दारा आदमखेल का जिक्र किया। उन्होंने इस दौरान कहा कि इमरान खान एक क्रिकेटर थे और इस जैंटलमैन गेम में विश्वास रखते थे।

उनका भाषण असभ्यता के चरम पर पहुंच गया, जो दारा आदमखेल की बंदूकों तरह है। बताते चलें कि दारा आदमखेल, पेशावर के कुछ ही दूरी पर पहाड़ियों से घिरा एक कस्बा है। दशकों से यहां आपराधिक गतिविधियां हो रही हैं।

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हालांकि, यह जगह पूरे विश्व में हथियारों की कालाबाजारी के लिए मशहूर है, लेकिन इसे तस्करी, ड्रग्स के धंधे के लिए भी जाना जाता है। यहां दर्जनों हथियार के कारखाने हैं, जहां चीनी पिस्तौल की क्रूड कॉपियों से लेकर अमेरिका की एम 16 ऑटोमैटिक राइफल और क्लाशिनिकोव राइफल तक बनते हैं। इन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार से बेहद ही कम कीमत में बेचा जाता है।

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कारोबार को सरकारी संरक्षण प्राप्‍त...

बता दें कि दारा आदमखेल में चल रहे इस कारोबार को सरकारी संरक्षण प्राप्‍त है, यही नहीं, यहां के लोगों की आजीविका का ये सबसे बड़ा जरिया है और इस कारोबार में बच्‍चों से लेकर बड़े तक सब लिप्त हैं।

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बताया जाता है कि इस पूरे इलाके की अर्थव्‍यवस्‍था केवल इसी कारोबार पर टिकी है। यहां हर तरह के ऑटोमैटिक वैपन को जांचने के लिए यहां पर बाकायदा शूटिंग रेंज भी बनी है, जो यहां पर तैनात फोर्स की देखरेख में रहती है।

इसके साथ ही उन्होंने UN में कहा कि पाकिस्तान के इस कस्बे में आप किसी भी तरह के हथियार को चलाकर देख सकते हैं। यहां पर पाकिस्‍तान सेना की गार्जियन यूनिट का हैडक्‍वार्टर भी है और पाकिस्‍तान सेना इस पूरे इलाके पर अपनी निगाह रखती है।

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वैध हथियारों का खुलेआम व्यापार...

बताते चलें कि यह बाजार 1980 में शुरू हुआ और चर्चा में तब आया जब मुजाहिदीनों ने अफगानिस्तान में सोवियत संघ से लड़ने के लिए यहां से हथियार खरीदना शुरू किया।

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इसके बाद इस जगह पर पाकिस्तानी तालिबान का कब्जा हो गया और वो इसे चलाने लगा।

हालांकि, नवाज शरीफ की सरकार ने इसे लेकर कुछ सख्ती जरूर दिखाई, लेकिन अभी भी यहां अवैध हथियारों का खुलेआम व्यापार जारी है, जो आतंकवाद के बढ़ावे में मदद कर रहा है।

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इसके साथ ही बताया जा रहा है कि यहां पर बने हथियारों पर बाकायदा एक वर्ष की गारंटी दी जाती है और ऑर्डर देने के एक सप्‍ताह के अंदर आप सामान की डिलीवरी भी ले सकते हैं।

यह बात भी सामने आ रही है कि ओसामा बिन लादेन को यह बाजार बेहद पसंद था। वह यहां से भारी मात्रा में हथियारों की खरीद करता था।

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